It has been an occasion of 3rd anniversary of our marriage. Though i am in SanDiego on an official trip, but i could not resist to miss my family back in India. Preeti, my loving wife has changed me somewhat since marriage. I dedicate this poem to her dedication to our relationship, her devotion to family and raising my son Agasyta :) Love you biwi ..
मस्तानो के झुण्ड में हम भी मस्ताने हो के थे चले
जवानी के जोश में दुनिया से बेगाने हो के थे चले
आँधियों से झूझते, धोरों में मज़ार होने को थे चले
फिर न जाने कहाँ से लाल ओढनी में सजे तुम आये चले
तुम चले आये, तो तपिश से पहली फ़ुहार हम बन चले
तुम आये तो उजाड़ से हम बाजार भी बन चले
तुम आये तो बेजार से सदाबहार बन चले
ऐे मेरे हमदम यूँ ही साथ देना अब बस ,
हम अब तो तेरी मन्नतो के ख़रीददार भी है बन चले !!
Happy anniversary Preeti Rajawat
मस्तानो के झुण्ड में हम भी मस्ताने हो के थे चले
जवानी के जोश में दुनिया से बेगाने हो के थे चले
आँधियों से झूझते, धोरों में मज़ार होने को थे चले
फिर न जाने कहाँ से लाल ओढनी में सजे तुम आये चले
तुम चले आये, तो तपिश से पहली फ़ुहार हम बन चले
तुम आये तो उजाड़ से हम बाजार भी बन चले
तुम आये तो बेजार से सदाबहार बन चले
ऐे मेरे हमदम यूँ ही साथ देना अब बस ,
हम अब तो तेरी मन्नतो के ख़रीददार भी है बन चले !!
Happy anniversary Preeti Rajawat
ohho you posted ! Keep up the good work :-)
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